बुधवार, १३ फेब्रुवारी, २०१३

यादों की धुन्द में आपकी परछाई सी लगती है , कानों में गूंजती शहनाई सी लगती है, आप करीब हो तो अपनापन है, वरना सीने में साँसे भी पराई सी लगती है.

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