मंगळवार, २९ ऑक्टोबर, २०१३

ऊनके आने के ईंतजार मे हमने सारे रास्ते दिएं से जलाकर रोशन कर दिएं ।
ऊन्होने सोचा कि मिलने का वादा तो रात का था,
वो सुबह समझकर वापस चल दिए।

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